लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने सीट शेयरिंग के बारे में सहमति जताई है। झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से 7 सीटों पर कांग्रेस और 5 सीटों पर JMM चुनाव लड़ेंगे। राजद और माले को एक-एक सीट मिलेगी। इस बार 7-5-1-1 के फार्मूले के साथ महागठबंधन चुनाव लड़ेगा। यह फार्मूला तय हो चुका है और अधिकृत घोषणा करनी बाकी है।
लोकसभा चुनाव 2024 पर क्या चर्चा चल रही है?
लोकसभा चुनाव 2024 के बारे में जानकारी मिलने के बाद, झारखंड राज्य के अंदर सीटों का बंटवारा का मसला बहुत ही महत्वपूर्ण बन गया है। यहां तक कि बिहार के साथ-साथ झारखंड भी इस मुद्दे में शामिल है। इस समय, लगभग सभी सीटों के बंटवारे के लिए गहन चर्चा चल रही है।
सीट शेयरिंग के बारे में झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम बताया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि सीटों का बंटवारा लगभग-लगभग तय हो चुका है, बस आधिकारिक घोषणा करनी बाकी है। उन्होंने इसका फार्मूला भी साझा किया, जिसके अनुसार 7 सीटों पर कांग्रेस, 5 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, और एक-एक सीट राजद और माले को मिलेगी।
आलमगीर आलम ने बताया कि महागठबंधन इस बार 7-5-1-1 के फार्मूले के साथ चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह फार्मूला पिछले बार के तुलनात्मक बदलाव को दर्शाता है, जब महागठबंधन में तीन पार्टियां शामिल थीं, और इस बार चार पार्टियां हैं।
वहीं, झारखंड में चुनाव के तीसरे चरण के बारे में भी बात की गई, जिसमें सीटों का क्लीयरेंस बहुत जल्द ही होने की उम्मीद है।कांग्रेस नेता गीता कोड़ा ने इस बारे में अपने विचार व्यक्त किए और इसे जल्दी ही फाइनल करने की उम्मीद जताई।
जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने इस सभी बातों को संदर्भ में लेते हुए कहा कि अभी तक फार्मूला अंतिम निर्णय तक पहुंचा नहीं है और उन्हें इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
इसमें भारतीय जनता पार्टी का क्या प्रतिक्रिया रहा
भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट शेयरिंग के फार्मूले को कटाक्ष किया और इसे ‘ठगबंधन’ बताया।समय के साथ, यह मामला और भी गरमाहट प्राप्त कर सकता है, जब तक कि आधिकारिक घोषणा न हो।इस बीच, राज्य की अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर अपने धारावाहिक स्थितियों को प्रकट किया है। वे इस सीट शेयरिंग के तरीके का समर्थन या विरोध करते हुए अपने विचार प्रकट कर रहे हैं।
झारखंड में चुनावी माहौल तेज हो रहा है और दलों के बीच राजनीतिक रंजिशों की बढ़ती हुई चर्चा के बीच, आगामी चुनाव के लिए गठबंधन का आकार और रूप भी जल्द ही स्पष्ट होगा।
JMM का आखिरी फैसला
यह समय निर्णायक है जब पार्टियों को आम लोगों के मुद्दों और उनकी आवश्यकताओं के आधार पर एकत्रित होकर गठबंधन बनाना होगा। चुनावी समय के लिए ध्यान और निर्णय की यह योजनाएं महत्वपूर्ण होती हैं जो न केवल दलों के लिए बल्कि राज्य के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं।